ईद: काली पट्टी बांधकर हत्याओं का विरोध


नई दिल्ली, एजेंसी। देश भर में आज ईद का त्यौहार मनाया जाएगा। दिल्ली समेत देशभर में ईद का त्यौहार मनाया जा रहा है। भोपाल के शहर काजी ने रविवार शाम को चांद दिखते ही ऐलान किया कि सोमवार को ईद मनाई जाएगी। दूसरी ओर, देश के अलग-अलग हिस्सों में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने की हाल की घटनाओं के विरोध में विभिन्न संगठनों और सामाजिक कार्यकतार्ओं ने काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज पढ़ने का आह्वान किया है। हरियाणा में गुरुवार को ट्रेन में ईद की खरीदारी करने जा रहे एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। उसी दिन पश्चिम बंगाल में कथित रूप से गाय की चोरी के आरोप में तीन लोगों की हत्या हुई। हाल में जम्मू-कश्मीर में पुलिस अफसर अयूब पंडित की हत्या, इससे पहले राजस्थान के अलवर में भीड़ द्वारा पहलू खां की हत्या, दादरी में अखलाक हत्या कांड जैसे मामलों का विरोध जताने के लिए सोशल मीडिया पर भी एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें मुसलमानों से सोमवार को ईद पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने को कहा गया है।

माइनॉरिटी एजुकेशन एंड इम्पॉवरमेंट मिशन (मीम) के यूपी प्रदेश सचिव अब्दुल हन्नान ने बताया कि उनके संगठन ने देश की तमाम मस्जिदों के इमामों को फोन करके कहा है कि वे मुसलमानों से ईद की नमाज पढ़ते वक्त बाजू पर काली पट्टी बांधने को कहें। उन्होंने दावा किया कि इस मुहिम में लखनऊ स्थित प्रमुख इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवतुल उलमा ने भी सहयोग का आश्वासन दिया है।

हन्नान ने बताया कि उनके संगठन से जुड़े लोग इस संदेश को दूर-दूर तक फैला रहे हैं। कोशिश है कि इस विरोध को बड़े पैमाने पर सरकार के पास पहुंचाया जाए, ताकि भीड़ के हाथों मौतों का सिलसिला रोका जा सके। इस सिलसिले में फेसबुक पर अभियान चला रहे शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि हमने युवाओं से अपील की है कि वे इन घटनाओं के विरोध में काली पट्टी बांधकर ईद की नमाज पढ़ें और अपनी तस्वीर खींचकर फेसबुक पर अपलोड करें।

इमरान ने कहा कि ईद अल्लाह का तोहफा है, हम लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करेंगे। हम कोई धरना-प्रदर्शन नहीं करेंगे। हम सिर्फ नमाज के दौरान विरोध करेंगे। अगर अब इन घटनाओं का विरोध नहीं किया गया तो कल हम भी भीड़ का शिकार बन सकते हैं।

यश भारती से सम्मानित किए जा चुके इमरान ने कहा कि सोशल मीडिया के जरिये दुनिया में फैल चुके आवान का असर है कि आज सऊदी अरब में सैकड़ों लोगों ने काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी है। फेसबुक और ट्विटर पर पड़ी तस्वीरें इसकी गवाह हैं। ये हिंदुस्तान की तहजीब और टूटते समाज को बचाने की छोटी सी कोशिश है।

इस बीच, रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने कहा कि इस मुहिम में अनेक संगठन तथा व्यक्ति जुड़े हुए हैं। किसी एक बैनर तले यह विरोध नहीं होना समाज की परिपक्वता की निशानी है। उन्होंने कहा कि देश में भीड़ द्वारा हत्या की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं और वे बड़े खतरे की तरफ इशारा करती हैं। इनके कारणों की तह तक जाना जरूरी है। यह पता लगाना आवश्यक है कि कहीं यह किसी साजिश के तहत तो नहीं हो रहा है।
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