पटना। बिहार में बाढ़ के हालात चिंताजनक बने हुए हैं। अब तक बाढ़ के चलते मरने वालों का आंकड़ा 418 पहुंच गया। 19 जिलों में लगभग 1.67 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। कुछ जगहों पर बाढ़ का पानी घटा है जिससे लोग अपने घर लौट रहे हैं लेकिन इन जगहों पर बीमारी फैलने का डर बना हुआ है।
बिहार में राहत शिविरों में कमी की गई है। पहले 624 शिविर बनाए गए थे जो अब घटकर 368 हो गए हैं। इनमें लगभग 1.59 लाख लोग आश्रय ले रहे हैं। यह जानकारी आपदा प्रबंधन विभाग ने दी है। अकेले अररिया जिले में ही बाढ़ के चलते 87 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा सीतामढ़ी में 43, कटिहार में 40, पश्चिमी चंपारण में 36, पूर्वी चंपारण में 32, मधुबनी में 28, दरभंगा में 26, किशनगंज में 24, माधेपुरा में 22, गोपालगंज में 20, सुपौल में 16 और पूर्णिया में 9 लोगों की मौत हुई है।
सहरसा और मुजफ्फरपुर के अलावा अन्य जिलों में भी लोगों की मौत की खबर है। सिवान जिले से बाढ़ के चलते किसी की मौत की सूचना नहीं है। विभाग की रिलीज में बताया गया है कि कुल 1403 सामूहिक रसोइयों में 3.54 लाख लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। बाढ़ से राहत बचाव के काम में एनडीआरएफ की 28 टीमों को लगाया गया है। इसके अलावा एसडीआरएफ की 16 टीमें भी राहत बचाव के काम में लगी हैं। सेना के 630 जवान बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।
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