भोपाल, ब्यूरो। ‘मिल-बांचे मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम अंतर्गत आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी स्थित मैनिट के समीप एक स्कूल में बच्चों को कहानियां सुनाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बहेलिया जंगल में दाना डालकर जाल में पक्षियों को फंसा कर ले जाता था। एक साधू इससे यह देख बेहद दुखी होते थे। उन्होंने पक्षियों को बहेलिए से बचने के लिए उन्हें याद करवाया कि शिकारी जंगल में आता है, जाल फैलाता है, जाल में फंसना नहीं चाहिए। उन्होंने सारे पक्षियों को यह कंठस्थ करवा दिया पर उन्हें एक दिन यह देख बेहद दुख हुआ कि पक्षी बहेलिए के जाल में फंसे थे और वे साधु की सीख को दोहरा रहे थे। सीएम ने बच्चों से कहा कि रटने से ही काम नहीं चलेगा जो पढ़ते हैं उसे सीखे और उसे आचरण में उतारे।
बता दें कि ‘मिल-बांचे मध्यप्रदेश’ का राज्य स्तरीय कार्यक्रम भोपाल में समन्वय भवन में आयोजित किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान के उदबोधन का सीधा प्रसारण आकाशवाणी और दूरदर्शन से पूर्वान्ह 11:45 बजे से अपरान्ह 12:30 बजे तक किया गया। इसके माध्यम से मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रदेश के 1 लाख 12 हजार से अधिक स्कूलों में उपस्थित बच्चों, शाला प्रबंधन समितियों के सदस्यों, कार्यक्रम के वॉलंटियर्स और शिक्षकों को संबोधित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि ‘मिल-बांचे मध्यप्रदेश’ कार्यक्रम से जुड़े लोगों में हर वर्ग के लोग शामिल हैं। कोई अंतराष्ट्रीय, राष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, कोई पदमश्री से विभूषित हैं, कोई कॉलेज के विद्यार्थी हैं। इनमें लगभग 24,787 युवा विद्यार्थियों के साथ ही 7,350 गृहिणियां, 950 मीडिया मित्र, 1027 इंजीनियर्स, 986 डाक्टर्स, 861 अधिवक्तागण, 392 खिलाडी, 3,217 स्वयंसेवी संगठन, 4,904 सेवानिवृत्त, 35,317 निजी क्षेत्र के लोग 53,013 व्यवसायी एवं अन्य तथा 24,459 जन प्रतिनिधि एवं 52,209 शासकीय सेवक शामिल हैं। कुल शामिलों में 1,70,486 पुरुष एवं 44,734 महिलाएं हैं। लगभग 33 हजार से अधिक व्यक्तियों ने नियमित रुप से स्कूलों में जाकर बच्चों के व्यक्तित्व विकास में योगदान देने के लिए इच्छा व्यक्त की है। लगभग 30 हजार नागरिक विद्यालयों को उपहार स्वरुप उनकी आवश्यकता की विभिन्न सामग्री प्रदान करने के लिए भी आगे आए हैं।
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