मुंबई। सेंट्रल रेलवे के पास ऐसा स्पेशल कोच पहुंचा, जिसमें 40 सीटें हैं और वे 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। इस कोच को विस्टाडोम कोच भी कहा जाता है। यह पहला ऐसा कोच है जो खासतौर पर पैसेंजरों को बाहर का खूबसूरत नजारे का अनुभव दिलाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस कोच को जल्द किसी ट्रेन में जोड़ा जा सकता है लेकिन इसके लिए अब तक न कोई रूट तय किया गया है और न इसका किराया तय हुआ है। सेंट्रल रेलवे के प्रमुख प्रवक्ता सुनील उदासी ने बताया कि इस स्पेशल की सबसे खास बात है, इसका ग्लास रूफ। इस कोच में एलईडी लाइटें और जीपीएस सुविधाएं दी गई हैं।
इस कोच के अनोखे फीचर्स के जरिए टूरिस्ट अपनी यात्रा के दौरान प्राकृतिक नजारों का आनंद ले सकेंगे। विस्टाडोम कोच पूरी तरह से एसी कोच है, इसकी छत ग्लास से बनी है, इसमें आॅटोमैटिक स्लाइडिंग दरवाजे हैं और इसमें सामान रखने के लिए मल्टि-टिअर रैक्स दिए गए हैं। इस कोच में छोटा-सा फ्रिज है, एक अवन है, जूसर-ग्राइंडर और हॉट केस भी हैं। इस कोच से दूसरे कोचों से जुड़ते दरवाजे दिए गए हैं, जो फिंगर टच से खुल जाते हैं। चेन्नई की फैक्ट्री में बना ऐसा पहला कोच विशाखापट्टनम से अराकू वैली हिल स्टेशन के बीच चलाया जा रहा है।
विशाखापट्टनम में रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इस कोच में सफर करने वाले यात्री 665 रुपए का किराया देने के लिए तैयार नहीं होते और वे इस बात को लेकर भी नाराज हैं कि बच्चों के लिए कोई छूट नहीं रखी गई है। इसमें सफर करने वाले यात्रियों की शिकायत है कि रिटर्न जर्नी में ट्रेन अकसर देरी से पहुंचती है जिसकी वजह से वाइजैग पहुंचकर इंजॉय करने के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिल पाता।
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