भोपाल, ब्यूरो। भ्रष्टाचार और लेटलतीफी की लगातार बढ़ रही शिकायतों के चलते अब प्रशासन में कसावट की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मुख्य सचिव बीपी सिंह और अपने सचिवालय के सभी अफसरों के साथ रातापानी अभ्यारण्य पहुंचे। सीएम ने यहां प्रदेश में प्रशासनिक कसावट को लेकर और प्रशासनिक फेरबदल के लिए अफसरों के साथ चर्चा की। इसमें टीकमगढ़ कलेक्टर के लिए संभावित नामों सहित कुछ प्रमुख नगरों में कलेक्टरों को बदले जाने को लेकर चर्चा की। बैठक में सीएस बीपी सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल, एसके मिश्रा, सचिव हरिरंजन राव, विवेक अग्रवाल, उपसचिव नंदकुमारम, उमाशंकर भार्गव, अरविन्द दुबे के भी शामिल होने की खबर है।
यह थी पूरी वजह
दरअसल, आरएसएस से जुड़े संगठनों का कहना है कि मध्यप्रदेश में अफसरशाही हावी है। प्रशासकीय भ्रष्टचार चरम पर है। किसानों के बीच व्यापारी और बिचौलियों को लेकर खौफ है। इसके निराकरण के लिए ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं। संघ की हाल ही में टीकमगढ़ के ओरछा में हुए प्रशिक्षण वर्ग और जबलपुर में सात दिनों तक चली अनुषांगिक संगठनों की बैठक में यह रिपोर्ट संघ के सहसरकार्यवाह भैयाजी जोशी को सौंपी है।
इन संगठनों ने उठाए थे सवाल
सेवा भारती, भारतीय किसान संघ, संस्कार भारती, धर्मरक्षा जागरण समिति, विश्वहिंदू परिषद, बजरंग दल समेत कई अनुषांगिक संगठनों की ओर से आई शिकायतों में सत्ता और संगठन से जुड़े नेताओं की कार्यप्रणाली पर कई तरह के सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि समय रहते प्रशासनिक व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई तो भाजपा को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
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