रायपुर। छत्तीसगढ़ के एक कुटुंब न्यायालय में बुधवार दोपहर 2 बजे द्वितीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश के ड्राइवर ने कोर्ट के काउंसिलिंग रूम में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। काउंसिलिंग के लिए जब स्टाफ कमरे में गए तो देखा कि खिड़की पर गमछे से ड्राइवर लटका हुआ था। वह चिल्लाते हुए बाहर निकला। न्यायालय में हड़कंप मच गया।
पुलिस के मुताबिक मठपारा का भूषण लाल ठाकुर (40) द्वितीय अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश के यहां ड्राइवर था। वह मूलत: धमधा अछोली का रहने वाला है। वह 2006 से कोर्ट में काम कर रहा है। वह बुधवार सुबह प्रधान न्यायाधीश को लेकर न्यायालय आया और वहीं बैठा रहा। दोपहर में स्टाफ के साथ खाना खाए और काउंसिलिंग रूम में चला गया। वहां जाकर कुर्सी में बैठकर सो गया। एक घंटे बाद जब स्टाफ कमरे में गए तो देखा कि वह फंदे से लटका हुआ था।
खिड़की की ग्रिल में गमछा डालकर झूल गया। उसने हाथ में लिखा है कि वह अपनी मौत का जिम्मेदार खुद है। उसके पास और कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। इधर, पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव को उतारकर पोस्टमार्टम के लिए मचूर्री भेज दिया। घटना की जानकारी मिलने पर ड्राइवर की पत्नी डेढ़ साल के बच्चे के साथ कोर्ट पहुंची।
मृतक की पत्नी भारती ने बताया कि मंगलवार को भूषण का एक्सीडेंट हो गया था। उसे अंबेडकर अस्पताल ले गए थे। जहां इलाज के बाद डॉक्टर ने छुट्टी दे दी। उसके दोस्त अपने घर ले गए। रात में वही ठहरे हुए थे। भूषण को भी उन्होंने रूकने के लिए कहा, लेकिन वह प्रधान न्यायाधीश को लेने जाना है कहकर निकल गया। उसके बाद से उससे बातचीत नहीं हुई है। कोर्ट वालों ने बताया कि वह जून से खाली बैठे रहता था। वह जिस जज की गाड़ी चलाता था। वो मई में चले गए। उनकी जगह किसी और की नियुक्ति नहीं हुई है।
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