‘गौरक्षकों’ की हिंसा के खिलाफ हर जिले में अफसर तैनात करो: #SC

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कथित गौरक्षकों द्वारा की जा रही हिंसा को रोकने के लिए देशभर के हर जिले में एक नोडल अफसर की तैनाती का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि हर जिले में एक सीनियर पुलिस अधिकारी को नोडल अफसर बनाकर तैनात किया जाए। शीर्ष कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्यों की सरकारों दोनों से ही कहा है कि गौरक्षा के नाम पर कानून अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ प्रभावी कदम उठाए जाएं।

एक हफ्ते में डिटेल रिपोर्ट सौंपे
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के मुख्य सचिवों को इस संबंध में की गई कार्रवाई की डिटेल रिपोर्ट एक हफ्ते में सौंपने का आदेश दिया है। इस मसले पर सर्वोच्च अदालत में केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए कानून है।

‘हम जानते है कानून है लेकिन, कार्रवाई क्या हुई’
एएसजी के इस जवाब पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, ‘हम जानते हैं कि कानून है, लेकिन क्या कार्रवाई की गई है?’ चीफ जस्टिस ने कहा कि सरकार सुनियोजित कार्रवाई कर सकती है ताकि गोरक्षा के नाम पर हिंसा न बढ़े। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अमिताभ राय और जस्टिस एम खानविलकर की तीन सदस्यीय बेंच ने राज्यों के मुख्य सचिवों को गोरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा की घटनाओं की रोकथाम के लिये की गई कार्रवाई के विवरण के साथ स्थिति रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया।

बापू के पोते की याचिका पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस याचिका में गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा पर अंकुश पाने के उपाय करने का सभी राज्य सरकारों को निर्देश देने सहित कई राहतें प्रदान करने का अनुरोध किया गया है। तुषार गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दिरा जयिसंह ने गो मांस रखने या इसका सेवन करने , या इसे ले जाने के नाम पर हिंसक भीड़ द्वारा लोगों को पीट पीट कर मार डालने की घटनाओं की ओर कोर्ट का ध्यान आकर्षित किया।


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