बीजिंग। चीन ने दक्षिण चीन सागर में तीन ठिकानों पर जहाजरोधी क्रूज मिसाइलें और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली तैनात कर दी है। उसने इस तैनाती का यह कहते हुए बचाव भी किया है कि इलाके पर उसकी "अविवादित संप्रभुता" है। दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर को लेकर चीन का पड़ोसी देशी से विवाद है।
चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा जताता है। वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान उसके इस दावे का विरोध करते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मिसाइल तैनाती के बारे में पूछे जाने पर कहा, चीन की नांशा (छोटे) द्वीपों और इससे जुड़े द्वीपों पर अविवादित संप्रभुता है। दक्षिण चीन सागर में गतिविधियां हमारी संप्रभुता और अखंडता बनाए रखने के लिए है। यह हमारा अधिकार है। मिसाइल तैनाती की एक तरह से पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा, यह किसी देश के खिलाफ नहीं है। संबंधित पक्षों को इससे चिंतित नहीं होना चाहिए।
अमेरिकी न्यूज नेटवर्क सीएनबीसी ने अमेरिकी खुफिया सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में मिसाइलें और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली स्थापित की है। विवादित क्षेत्र में चीन की मिसाइल प्रणाली की यह पहली तैनाती है।
ये मिसाइलें कीं तैनात
रिपोर्ट के अनुसार चीन ने वाय जे-12बी जहाजरोधी मिसाइल तैनात की हैं, जो 295 समुद्री मील की दूरी तक जहाजों पर हमला कर सकती है। सतह से हवा में मार करने वाली एच क्यू-9बी मिसाइल भी तैनात की गई है जो 160 समुद्री मील तक विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों पर हमला कर सकती है।
तीस दिनों में तैनाती
सीएनबीसी ने किसी सूत्र का नाम लिए बिना कहा, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले 30 दिनों में मिसाइलें फेरी क्रॉस रीफ, सुबी रीफ और मिसचीफ रीफ ले जाई गई हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि वह खुफिया मामलों पर टिप्पणी नहीं करता। दक्षिण चीन सागर मामलों के विशेषज्ञ ग्रेग पोलिंग ने कहा, यह पहली मिसाइल तैनाती है और महत्वपूर्ण है। यह दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभुत्व की दिशा में बड़ा कदम है।
चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा जताता है। वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान उसके इस दावे का विरोध करते हैं। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मिसाइल तैनाती के बारे में पूछे जाने पर कहा, चीन की नांशा (छोटे) द्वीपों और इससे जुड़े द्वीपों पर अविवादित संप्रभुता है। दक्षिण चीन सागर में गतिविधियां हमारी संप्रभुता और अखंडता बनाए रखने के लिए है। यह हमारा अधिकार है। मिसाइल तैनाती की एक तरह से पुष्टि करते हुए उन्होंने कहा, यह किसी देश के खिलाफ नहीं है। संबंधित पक्षों को इससे चिंतित नहीं होना चाहिए।
अमेरिकी न्यूज नेटवर्क सीएनबीसी ने अमेरिकी खुफिया सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि चीन ने दक्षिण चीन सागर में मिसाइलें और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली स्थापित की है। विवादित क्षेत्र में चीन की मिसाइल प्रणाली की यह पहली तैनाती है।
ये मिसाइलें कीं तैनात
रिपोर्ट के अनुसार चीन ने वाय जे-12बी जहाजरोधी मिसाइल तैनात की हैं, जो 295 समुद्री मील की दूरी तक जहाजों पर हमला कर सकती है। सतह से हवा में मार करने वाली एच क्यू-9बी मिसाइल भी तैनात की गई है जो 160 समुद्री मील तक विमानों, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों पर हमला कर सकती है।
तीस दिनों में तैनाती
सीएनबीसी ने किसी सूत्र का नाम लिए बिना कहा, अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले 30 दिनों में मिसाइलें फेरी क्रॉस रीफ, सुबी रीफ और मिसचीफ रीफ ले जाई गई हैं। अमेरिकी रक्षा विभाग ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि वह खुफिया मामलों पर टिप्पणी नहीं करता। दक्षिण चीन सागर मामलों के विशेषज्ञ ग्रेग पोलिंग ने कहा, यह पहली मिसाइल तैनाती है और महत्वपूर्ण है। यह दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभुत्व की दिशा में बड़ा कदम है।
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