अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने आज एतिहासिक फैसला सुना दिया. इसके साथ ही विवादित और संवेदनशील 134 साल से अधिक पुराने विवाद का करीब-करीब अंत हो गया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, अयोध्या का 2.77 एकड़ विवादित जमीन रामलला को दिया गया है. यानि राम मंदिर बनने का रास्ता तय हो गया. .
निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड को ही पक्षकार माना. शीर्ष कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा विवादित जमीन को तीन पक्षों में बांटने के फैसले को अतार्किक करार दिया. आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को कहीं और 5 एकड़ की जमीन दी जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया है कि वह मंदिर निर्माण के लिए 3 महीने में ट्रस्ट बनाए. इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़े को भी प्रतिनिधित्व देने का आदेश हुआ है. आइए जाने इस मामले में कब क्या हुआ?
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