न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक निवेश को लेकर 'निजी भागीदारी: यात्री रेलगाड़ियां' शीर्षक से एक डिस्कशन पेपर लाया गया है. इसमें 100 मार्गों की पहचान की गई है, जिन पर निजी इकाइयों को 150 गाड़ियों के परिचालन की अनुमति देने से 22,500 करोड़ रुपये का निवेश आएगा. अहम बात ये है कि इसमें विदेशी कंपनियां भी निवेश कर सकेंगी. डिस्कशन पेपर में बताया गया है कि निजी कंपनियों को अपनी गाड़ियों में बाजार के अनुसार किराया वसूल की छूट होगी. वे इन गाड़ियों में अपनी सुविधा के हिसाब से विभिन्न श्रेणियों की बोगियां लगाने के साथ-साथ रूट पर उनके ठहराव वाले स्टेशनों का भी चयन कर सकेंगे. इसके अलावा ट्रेनों के निजीकरण से आधुनिक प्रौद्योगिकी लाने और रख-रखाव की लागत कम करने में मदद मिलेगी..
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