भरी दोपहर में जब मच गई भगदढ़




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भरी दोपहर में गली से गुजरे तो,
सुनसान पड़ी थी।
हमने भी आवाज़ लगा दी
"टमाटर 5 रु किलो।।
भगदड़ मच गई
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