आतंकी घटना या लापरवाही? डिफेंस एक्सपर्ट ने बताया श्रीनगर के नौगाम थाने में धमाके का कारण

 आतंकी घटना या लापरवाही? डिफेंस एक्सपर्ट ने बताया श्रीनगर के नौगाम थाने में धमाके का कारण



जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने में हुए विस्फोट में 9 लोगों की मौत हो गई। रक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अनिल गौर ने इसे लापरवाही का नतीजा बताया है। उनका कहना है कि विस्फोटक टीमों द्वारा विस्फोटकों की जांच के दौरान चूक हुई। डीजीपी नलिन प्रभात ने आतंकी पहलू को खारिज करते हुए इसे दुर्घटना बताया और कहा कि फरीदाबाद से लाई गई विस्फोटक सामग्री में विस्फोट हुआ।





नौगाम पुलिस थाने में ब्लास्ट का मामला।

 जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के नौगाम पुलिस थाने हुए भीषण विस्फोट में इंस्पेक्टर समेत 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 32 घायल हो गए। धमाका इतना जोरदार था कि थाने का एक हिस्सा मलबे में तब्दील हो गया और खड़ी गाड़ियों में आग गई। मामले पर रक्षा विशेषज्ञों ने भी अपनी राय रखी है।


रक्षा विशेषज्ञ कैप्टन अनिल गौर (सेवानिवृत्त) ने इसको विस्फोटक परीक्षण के दौरान हुई लापरवाही का गंभीर मामला बताया और चेतावनी दी कि संवेदनशील सामग्रियों के प्रसंस्करण के दौरान एक छोटी सी चूक भी भयावह परिणाम पैदा कर सकती है।
थाने में कैसे हुआ ब्लास्ट?

कैप्टन गौर ने बताया, "यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैं कहूंगा कि हमारे नौ पुलिसकर्मियों की जान चली गई और स्टेशन पर मौजूद पुलिसकर्मी घायल हो गए। कहा जा रहा है कि किसी के हाथ में गलती से डेटोनेटर फट गया।"


संभावित घटनाक्रम की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि विस्फोटक टीमें पिछले दो दिनों से बरामद विस्फोटकों और हथियारों की जांच और नमूने ले रही थीं और एक भी चूक घातक विस्फोट का कारण बन सकती है।

उन्होंने कहा, "ऐसा लगता है कि डेटोनेटर किसी के हाथ से छूट गए होंगे, जिससे विस्फोट हुआ। अमोनियम नाइट्रेट तब तक विस्फोटक पदार्थ नहीं है जब तक कि उसका विस्फोट न हो जाए। डेटोनेटर बहुत संवेदनशील होते हैं - जब एक विस्फोट होता है तो दूसरे भी उसकी चपेट में आ सकते हैं और जब वे विस्फोट करते हैं तो दूसरे विस्फोटक आग पकड़ सकते हैं। इन्हें बहुत सावधानी से संभालना चाहिए और डेटोनेटर को कभी भी मुख्य विस्फोटकों के साथ नहीं रखना चाहिए। मूल रूप से, यह गलत तरीके से संभालने के कारण हुआ।"

पुलिस का क्या कहना है?

इस बीच जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने शनिवार को किसी भी आतंकी पहलू को खारिज करते हुए विस्फोट को एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना बताया। उन्होंने कहा कि प्रसारित की जा रही कुछ अटकलें अनावश्यक अटकलें हैं।


डीजीपी ने बताया, "फरीदाबाद से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री नौगाम पुलिस स्टेशन लाई गई थी और उसे खुले स्थान पर सुरक्षित रखा गया था। बरामदगी की मात्रा बहुत अधिक होने के कारण पिछले दो दिनों से, कल और परसों, विस्फोटक सामग्री के नमूने लेने की प्रक्रिया चल रही थी ताकि नमूनों को आगे की फोरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा जा सके।"

किन लोगों की गई जान?

उन्होंने आगे कहा, "दुर्भाग्यवश, शुक्रवार रात लगभग 11.20 बजे जब्त सामग्री में आकस्मिक विस्फोट हो गया। इस घटना के कारणों के बारे में और कोई अटकलें लगाना अनावश्यक है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में नौ लोगों की जान चली गई। विशेष जांच एजेंसी के एक कर्मचारी, दो राजस्व अधिकारी, एफएलएस टीम के तीन कर्मचारी, अपराध शाखा के दो फोटोग्राफर और एक दर्जी की जान चली गई।"
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