2 महीने बाद भी #MP सूखा अभी तक सिर्फ 7 सेंटीमीटर से कम बारिश

भोपाल। मानसून सीजन के 2 महीने भी जाने के बाद भी प्रदेश में झमाझम बारिश का अभाव बना हुआ है।इस साल का मानसून मानसून आकलन के बावजूद प्रदेश में कम बारिश के लिए मानसून का देर से सक्रिय होना बताया जा रहा है। सांची एक कारण यह भी है कि कमजोर वेदर सिस्टम है वही तीसरा कारण मानसून सिस्टम में लंबे लंबे ब्रेक डाउन हो रहे हैं। मौसम विशेषक इसके लिए एक और कारण को जिम्मेदार मांग रहे हैं। वह है इंटर एनिमल वेरी एबिलिटी फीचर यानी हर एक साल के अंदर से मानसून एक अलग से चलकर आता है। इसलिए इसका सटीक पूर्वानुमान नहीं लग पाता है एक और प्रदेश में अल्प वर्षा की स्थिति है। वहीं प्रदेश के पड़ोसी राज्यों में कहीं भारी बारिश की तो कहीं बाढ़ की स्थिति बन रही है।इस बार राजस्थान और गुजरात के उन इलाकों में वह स्त्री सामने आई है कि यहां अक्सर चुका होता था किंतु इस बार वहां बाढ़ के आसार बने हुए हैं। मानसून में अब सिर्फ 45 दिन शेष है। यदि इसमें भी ठीक से बारिश नहीं हुई तो प्रदेश में इस साल भारी जल संकट होने की आशंका है। करीब एक पखवारा देरी से आए मानसून के बाद वेदर सिस्टम में लंबे लंबे ब्रेक डाउन के कारण अब तक बरसात के ज्यादातर दिन सोते ही देते हैं।


मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के निदेशक डॉक्टर अनुपम का कहां काश्यपि के अनुसार मानसून हर एक साल के अंतराल के बाद एक अलग से चलकर आता है।


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