
झांसी तथा ललितपुर पुलिस लाइन की जनमाष्टमी हमने देखी है। माताटीला थाने की जन्माष्टमी ज्यादा प्रसिद्ध थी/ है। वहां नौटकी होती है। सन याद नहीं लेकिन पद्मश्री गुलाब बाई अगरवाल की मंडली की नौटंकी हमने पहली बार माताटीला में ही देखी थी। फिर भोपाल आने से पहले झांसी पुलिस लाइन में तो इस मंडली की नौटंकी कई बार देखी। लेकिन गुलाब बाई को माताटीला के बाद फिर कभी नहीं देखा। झांसी में जो मंडली आती थी, उसका नेतृत्व मधु अग्रवाल करती थीं. खैर...। उत्तर प्रदेश के थानों में जन्माष्टमी का आयोजन बहुत पहले से होता आ रहा है, और इस पर कभी विवाद भी नहीं हुआ। योगी आदित्यनाथ जी ने इस विषय पर बयान देकर विवाद क्यों खड़ा कर दिया? क्या सम्प्रदायवाद का तन्दूर सुलगाये रखने के लिए?
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