नई दिल्ली। किसी बैंककर्मी के बारे में ऐसी सूचना की मांग करना जो व्यक्तिगत हो और सार्वजनिक हित से रहित हो, उसे सूचना के अधिकार आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत छूट मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी केरल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली केनरा बैंक की ओर से दायर एक अपील को मंजूरी देते हुए की।
केरल हाईकोर्ट ने बैंक को निर्देश दिया था कि वह आरटीआई के तहत जनवरी 2002 से जुलाई 2006 तक सभी लिपिकीय कर्मचारियों के तबादले और नियुक्ति के बारे में जानकारी उपलब्ध कराये। शीर्ष अदालत के वर्ष 2013 के एक फैसले को सही मानते हुए न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की एक पीठ ने कहा कि बैंक में लिपिकीय कर्मचारी के तौर पर कार्यरत एक व्यक्ति से मांगी गई सूचना प्रकृति से व्यक्तिगत है और इसे आरटीआई अधिनियम की धारा 8 जे के तहत प्रकट करने से छूट मिली है।
बैंक ने मांगी थी सूचना...
अगस्त 2006 में आरटीआई अधिनियम के अंतर्गत बैंक के लोक सूचना अधिकारी पीआईओ को उसने एक आवेदन भेजा था और जनवरी 2002 से जुलाई 2006 तक बैंक की सभी शाखाओं के प्रत्येक लिपिकीय कर्मचारी के तबादले और नियुक्ति के संबंध में सूचना मांगी थी।
Subscribe to:
Post Comments
(
Atom
)
0 comments:
Post a Comment