केंद्र सरकार ने कावेरी जल बंटवारे के फैसले को लागू करने को लेकर योजना तैयार करने के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा है. सरकार ने गुरुवार को शीर्ष कोर्ट में कहा कि योजना का मसौदा तैयार करने के लिए उसे और वक्त चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री सहित कैबिनेट मंत्री सभी कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं.
सुप्रीम कोर्ट कावेरी जल बंटवारे के फैसले को लागू करने के लिए योजना तैयार न करने पर केंद्र सरकार को पहले ही फटकार लगा चुका है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से 3 मई तक कावेरी जल बंटवारे की योजना तैयार करके देने का निर्देश दिया था. मगर सरकार आज भी शीर्ष अदालत के समक्ष कोई मसौदा पेश नहीं कर पाई. कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के फैसले के अनुसार मसौदा तैयार किया जाना है.
सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर कर्नाटक सरकार को चेताया है. कोर्ट ने कहा कि अगर कर्नाटक ने आदेश का पालन नहीं किया तो परिणाम भुगतना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार से तमिलनाडु को पानी देने के लिए कहा है. इसके अलावा केंद्र सरकार को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी.
दरअसल इससे पहले अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को विवाद का हल निकालने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया था. साथ ही कावेरी से तमिलनाडु को मिलने वाले 192 टीएमसी पानी को घटाकर 177.25 टीएमसी कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में कावेरी जल विवाद को निपटाने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह कावेरी नदी के पानी के प्रबंधन के लिए कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड का गठन करे. शीर्ष कोर्ट के फैसले के बावजूद केंद्र सरकार ने कावेरी मैनेजमेंट का बोर्ड का गठन नहीं किया. इसके लिए सरकार को तमिलनाडु के लोगों का काफी विरोध झेलना पड़ रहा है.
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