ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध की वजह से वहां भारत का बासमती निर्यात प्रभावित हुआ. ईरान बासमती चावल का प्रमुख आयातक था. गैर-बासमती चावल का निर्यात घटने की वजह के संबंध में कारोबारी बताते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारत का गैर-बासमती चावल अन्य देशों के चावल के मुकाबले महंगा है, जिसके कारण इसकी मांग कम है. हालांकि यह बात बासमती चावल पर लागू नहीं होती है, क्योंकि बासमती चावल का भारत का अपना एक बाजार है, जहां इसकी स्पर्धा किसी अन्य देशों से नहीं है. ईरान से भुगतान की समस्या के कारण भारत के बासमती चावल निर्यात पर इस साल असर पड़ा है. भारत का बासमती चावल निर्यात चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ महीने में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन तीन फीसदी घट गया है. वहीं, गैर-बासमती चावल के निर्यात में 36.5 फीसदी की गिरावट आई है.
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