श्रीनगर, एजेन्सी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पहली बार जम्मू-कश्मीर राज्य में राष्ट्रीय बैठक होने जा रही है। इस बैठक में आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा पर रणनीति बनेगी। यह बैठक पूरे 9 दिन चलेगी।
अमरनाथ यात्रा पर कश्मीर में हमले से उपजे हालात का असर देश की राजनीति पर पड़ रहा है। ऐसे में 14 जुलाई से शुरू होने जा रही राष्ट्रीय बैठक में अमरनाथ यात्रा का विरोध करने वालों को भी कड़ा संदेश दिया जाएगा।
शुक्रवार को संघ प्रमुख मोहन भागवत के आने के साथ देश से 40 राज्य प्रचारकों समेत करीब 200 प्रचारकों के पहुंचने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू-कश्मीर में पहली बार होने जा रही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्रीय बैठक में आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा पर रणनीति बनेगी। नौ दिन तक जारी रहने वाली राष्ट्रीय बैठक में विचार परिवार की राजनीति तय करने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को जम्मू आ रहे हैं।
श्री बाबा अमरनाथ यात्रा पर कश्मीर में हमले से उपजे हालात का असर देश की राजनीति पर पड़ रहा है। ऐसे में 14 जुलाई से शुरू होने जा रही राष्ट्रीय बैठक में अमरनाथ यात्रा का विरोध करने वालों को भी कड़ा संदेश दिया जाएगा। शुक्रवार को मोहन भागवत के आने के साथ देश से 40 राज्य प्रचारकों समेत करीब 200 प्रचारकों के पहुंचने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। नौ दिन तक बैठक वेद मंदिर के अंदर होंगी। इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और विहिप के राष्ट्रीय नेता भी हिस्सा लेंगे। इसमें देश के समक्ष चुनौतियों पर भी मंथन होगा। 22 जुलाई तक चलने वाली इस राष्ट्रीय बैठक के माध्यम से देश विरोधी तत्वों को संदेश दिया जाएगा कि उनका सख्ती से सामना होगा।
18 से 20 जुलाई के बीच भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव भी इसमें हिस्सा लेंगे। बैठक में कश्मीर के हालात पर मंथन के दौरान वहां सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ साजिशों व पाकिस्तान के एजेंडे को प्रभावी बनाने की अलगाववादियों व पत्थरबाजों की कोशिशों पर भी चर्चा होगा। इसके साथ ही यह भी तय होगा कि राज्य में विरोधी तत्वों का मुकाबला कैसे किया जाए। इस दौरान प्रांत प्रचारकों के कार्यो और गतिविधियों का लेखाजोखा प्रस्तुत करने के साथ कार्ययोजना का मसौदा भी तैयार होगा।
नौ दिन तक बैठक वेद मंदिर के अंदर होंगी। इसमें भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और विहिप के राष्ट्रीय नेता भी हिस्सा लेंगे। इसमें देश के समक्ष चुनौतियों पर भी मंथन होगा। 22 जुलाई तक चलने वाली इस राष्ट्रीय बैठक के माध्यम से देश विरोधी तत्वों को संदेश दिया जाएगा कि उनका सख्ती से सामना होगा।
18 से 20 जुलाई के बीच भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव भी इसमें हिस्सा लेंगे। बैठक में कश्मीर के हालात पर मंथन के दौरान वहां सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ साजिशों व पाकिस्तान के एजेंडे को प्रभावी बनाने की अलगाववादियों व पत्थरबाजों की कोशिशों पर भी चर्चा होगा।
इसके साथ ही यह भी तय होगा कि राज्य में विरोधी तत्वों का मुकाबला कैसे किया जाए। इस दौरान प्रांत प्रचारकों के कार्यो और गतिविधियों का लेखाजोखा प्रस्तुत करने के साथ कार्ययोजना का मसौदा भी तैयार होगा।
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