जस्टिस दीपक मिश्रा बने देश के 45वें #CJI, 1997 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में रहे चुके है जज

justice Deepak Mishra






नई दिल्ली। जस्टिस दीपक मिश्रा ने देश के 45वें मुख्य न्यायाधीश बन गए। उन्होंने सोमवार को सुबह 9 बजे पद की शपथ ली है। राष्ट्रपति भवन के ऐतिहासिक दरबार हॉल में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जस्टिस दीपक मिश्रा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। जस्टिस मिश्रा 14 महीने तक इस पद पर रहेंगे, क्योंकि अक्टूबर 2018 में उनका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।

1996 में ओडिशा हाईकोर्ट में बने थे जज
जस्टिस दीपक मिश्रा ने साल 1977 में ओडिशा हाईकोर्ट से अपनी वकालत शुरू की थी और साल 1996 में ओडिशा हाईकोर्ट में जज बने थे। 1977 से 1996 तक वो उड़ीसा हाई कोर्ट के कामयाब वकीलों में से एक थे। वो साल 1997 में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जज बने थे। खबरों के मुताबिक जस्टिस मिश्रा भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले ओडिशा की तीसरे जज होंगे। जस्टिस मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंगनाथ मिश्रा के भतीजे हैं।

2 अक्टूबर, 2018 तक रहेगा जस्टिस मिश्रा का कार्यकाल
आपको बता दें कि जस्टिस दीपक मिश्रा पटना हाईकोर्ट के भी मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई के तौर पर दीपक मिश्रा का कार्याकल 28 अगस्त, 2017 से 2 अक्टूबर, 2018 तक रहेगा।

आधी रात को याकूब मेनन केस में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जजों में से एक जस्टिस दीपक मिश्रा ने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाए हैं। जिनमें याकूब मेनन को लेकर आधी रात में हुई सुनवाई और निर्भया केस के दोषियों को सजा सुनाने का फैसला शामिल है। इसके अलावा जस्टिस मिश्रा ने देशभर के सिनेमाघरों में राष्ट्रीय गान का आदेश भी दिया था।


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