भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग की प्रगति पर चर्चा, NSA अजीत डोभाल ने कहा-आतंकवाद से लड़ने में दोहरे मानदंड न अपनाए जाएं

 भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग की प्रगति पर चर्चा, NSA अजीत डोभाल ने कहा-आतंकवाद से लड़ने में दोहरे मानदंड न अपनाए जाएं


रूस पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बुधवार को अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पात्रुशेव के साथ द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। डोभाल और पात्रुशेव के बीच इस महीने हुई यह दूसरी मुलाकात है। दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के साथ ही आपसी हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई। पात्रुशेव रूस की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के सचिव भी हैं।


एनएसए अजीत डोभाल और रूसी समकक्ष निकोलाई पात्रुशेव के बीच इस महीने हुई यह दूसरी मुलाकात है।

रूस पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने बुधवार को अपने रूसी समकक्ष निकोलाई पात्रुशेव के साथ द्विपक्षीय सहयोग की प्रगति की समीक्षा की। डोभाल और पात्रुशेव के बीच इस महीने हुई यह दूसरी मुलाकात है। दोनों शीर्ष अधिकारियों के बीच द्विपक्षीय सहयोग के साथ ही आपसी हितों के महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

पात्रुशेव रूस की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के सचिव भी हैं। सेंट पीटर्सबर्ग शहर में उच्च स्तरीय अधिकारियों की बैठक से इतर हुई दोनों शीर्ष अधिकारियों की यह मुलाकात हुई है। यह जानकारी भारत के मास्को स्थित दूतावास ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स के जरिये दी है। मुलाकात के दौरान भारतीय एनएसए ने मास्को के नजदीक स्थित क्राकस सिटी हाल में 22 मार्च को हुए बर्बर आतंकी हमले की निंदा की।

उन्होंने कहा, आतंक के राक्षस से लड़ने में दोहरे मानदंड नहीं अपनाए जाने चाहिए। आतंक के साथ मजबूती से लड़कर उसे परास्त किया जाना चाहिए। इससे पहले कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन के सुरक्षा अधिकारियों की बैठक में डोभाल ने सीमापार आतंकवाद के मुद्दे पर साजिशकर्ताओं के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की आवश्यकता जताई थी।

बुधवार को पात्रुशेव ने ब्रिक्स देशों के एनएसए की बैठक की मेजबानी की और सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। इस बैठक में आतंकवाद से लड़ने में सहयोग को बढ़ाने और सीमा क्षेत्र में आतंकी वारदातों की रोकथाम के लिए समन्वित योजना बनाने पर बल दिया गया।

इस बैठक में पाकिस्तान के भी शीर्ष अधिकारी शामिल थे। इसके अतिरिक्त डोभाल ने म्यांमार के एनएसए एडमिरल मोए आंग से उनके देश की स्थिति पर बात की और वहां पर भारत के सहयोग से चलाए जा रहे बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं की स्थिति की जानकारी ली। इसके अतिरिक्त दोनों अधिकारियों ने म्यांमार से लगने वाली भारतीय सीमा की स्थितियों और शरणार्थियों के आवागमन पर भी बात की।
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